Air India को पाकिस्तान की हवाई सीमा बंद होने से ₹5000 करोड़ का वार्षिक नुकसान – रिपोर्ट
नई दिल्ली: भारत की प्रमुख विमानन कंपनी Air India को पाकिस्तान की हवाई सीमा (airspace) बंद होने के कारण हर साल लगभग ₹5000 करोड़ का नुकसान हो रहा है। यह जानकारी एक वरिष्ठ अधिकारी की रिपोर्ट के आधार पर सामने आई है। यह नुकसान केवल रूट लंबा होने, ईंधन की अधिक खपत और समय की बर्बादी की वजह से हो रहा है।
✈️ पाकिस्तान ने क्यों बंद की एयरस्पेस?
पाकिस्तान ने भारत के साथ बढ़ते तनाव के बाद 2019 में अपने एयरस्पेस को भारतीय विमानों के लिए बंद कर दिया था। हालांकि, कुछ समय के लिए इसे खोला गया था लेकिन कुछ विशेष उड़ानों और रास्तों के लिए अभी भी प्रतिबंध जारी हैं।
💰 कितना बड़ा है यह नुकसान?
Air India की रिपोर्ट के अनुसार, हर साल करीब ₹5000 करोड़ का अतिरिक्त खर्च हो रहा है क्योंकि एयरक्राफ्ट को पाकिस्तान की हवाई सीमा से होकर नहीं उड़ने दिया जा रहा है। इससे विमानों को लंबे रूट लेने पड़ते हैं, जिससे:
- ✈️ अधिक ईंधन खर्च होता है
- 🕒 यात्रा समय बढ़ता है
- 💺 यात्रियों की असुविधा बढ़ती है
- 💵 परिचालन लागत में इजाफा होता है
🌍 किन रूट्स पर सबसे ज्यादा असर?
पाकिस्तान की हवाई सीमा बंद होने से सबसे ज्यादा असर भारत से यूरोप और अमेरिका जाने वाली फ्लाइट्स पर पड़ा है। खासकर दिल्ली से लंदन, टोरंटो, न्यूयॉर्क और शिकागो जैसी उड़ानों को लंबा रास्ता अपनाना पड़ रहा है।
👨✈️ अधिकारी ने क्या कहा?
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, “हमने कई विकल्पों पर विचार किया है लेकिन जब तक पाकिस्तान की हवाई सीमा नहीं खुलती, तब तक हमें यह नुकसान झेलना ही पड़ेगा। इसके चलते हमारा रूट प्लानिंग और शेड्यूलिंग भी प्रभावित हो रहा है।”
📉 यात्रियों पर प्रभाव
इस स्थिति का सीधा असर यात्रियों पर भी पड़ रहा है। कुछ मुख्य समस्याएं:
- 📅 फ्लाइट्स में देरी होना
- 🎫 टिकट की कीमतों में इजाफा
- 😴 थकावट और Jet lag की समस्या
🗺️ क्या समाधान हो सकता है?
विशेषज्ञों का मानना है कि भारत और पाकिस्तान के बीच राजनयिक बातचीत से इस समस्या का हल निकाला जा सकता है। यदि पाकिस्तान अपने एयरस्पेस को भारत के लिए खोलता है, तो Air India को अरबों रुपये की बचत हो सकती है और यात्रियों को बेहतर सुविधा मिल सकेगी।
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📊 निष्कर्ष
Air India को हुआ ₹5000 करोड़ का नुकसान सिर्फ आर्थिक नहीं बल्कि रणनीतिक भी है। यह दिखाता है कि जियोग्राफिकल और राजनीतिक मुद्दे किस हद तक नागरिक उड़ानों को प्रभावित कर सकते हैं। उम्मीद की जा रही है कि भविष्य में इस पर कोई सकारात्मक समाधान निकलेगा, जिससे भारत की उड़ान सेवा और भी सुचारु हो सके।
Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी विभिन्न समाचार स्रोतों और मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है। इसका उद्देश्य पाठकों को सूचित करना है। कृपया किसी निर्णय से पहले आधिकारिक पुष्टि करें।